MS-DOS (Microsoft Disk Operating System)

Introduction - MS-DOS का विस्तृत रूप Microsoft Disk Operating System है यह एक तरह का Operating system है। MS-DOS का निर्माण ''Microsoft Corporation'' नामक कंपनी ने किया है। यह बहुत ही लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है।

Ex- जब कोई दो भिन्न भाषा क्षेत्र के व्यक्ति आपस मे मिलते है तो उनके बीच भाषा का अंतर होता है तो उनके बीच के भाषा के अंतर को मिटाने के लिए एक ऐसे व्यक्ति का इस्तेमाल किया जाता है जो दोनों भाषाओ को जानता हो और बड़ी सरलता से एक भाषा का दूसरी भाषा मे तुरंत अनुवाद पेश कर देता हो। इसे Interpreter कहा जाता है। इसी interpreter की मदद से दोनों व्यक्तियों के बीच बातचीत संभव हो पाती है। ठीक इसी तरह कम्प्युटर भी अपनी ही भाषा अर्थात Machine Language को ही समझता है अर्थात सिर्फ 0 एवं 1 के रूप मे ही शब्दों-निर्देशों इत्यादि को समझता है, परंतु मनुष्य अंग्रेजी भाषा को समझते है जो की कम्प्युटर नहीं जानता। अतः दोनों के बीच एक इंटरप्रेटर की आवश्यकता होती है जो एक भाषा को दूसरी भाषा मे अनुवाद करता रहे तभी कम्प्युटर का प्रयोग किया जा सकता है। यहाँ यह काम DOS करता है वह अंग्रेजी भाषा को मशीन भाषा मे परिवर्तित करता है जिससे की कम्प्युटर वह निर्देश समझ सके फिर पुनः कम्प्युटर द्वारा प्रस्तुत परिणाम जो की machine language मे है, फिर से अंग्रेजी भाषा मे परिवर्तित करता है जिसे यूजर समझ सके। इस प्रकार DOS मनुष्य और कम्प्युटर के बीच मे काम करने वाला सॉफ्टवेयर है जो दोनों के बीच की दूरी को मिटा देता है। DOS के उपयोग के लिए उसके उनके commands को जानना जरूरी है। DOS के लिए यही command निर्देश होता है।

DOS के commands को दो वर्गो मे बाँटा जाता है -

1) Internal commands

2) External commands

1. Internal commands - इनको Memory Resident Command भी कहा जाता है। जब कम्प्युटर को boot किया जाता है तो ये कमांड खुद-ब-खुद मेमोरी मे आ जाते है। सभी आंतरिक कमांड command.com नामक फ़ाइल मे रहते है। अतः जैसे ही system prompt A:/ या C:/ आता है। ये कमांड प्रभावी हो जाते है और इनका इस्तेमाल संभव हो पाता है। कुछ आंतरिक कमांड इस प्रकार है - Date, Time, Ver, CLS, DIR, CD, MD, RD, DEL, REN, Copy, Copy con.

A) Date - सिस्टम मे date देखने के लिए इस कमांड को execute किया जाता है। इससे system date को बदला भी जा सकता है।

Syntax- Location > Date

B) Time - सिस्टम मे Time देखने के लिए इस कमांड को execute किया जाता है। इससे system टाइम को बदला भी जा सकता है।

Syntax - Location > Time

C) Ver - जिस तरह Mobile मे हर समय नए-नए मॉडेल आते रहते है। जिनमे कुछ विशेष गुण जुड़े रहते है। ठीक उसी तरह DOS मे नए कमांड जोड़कर नए संस्करण आते रहते है। अतः Ver कमांड के प्रयोग से हम यह पता लगा सकते है।

Syntax - Location > Ver

D) CLS - अगर स्क्रीन पूरी तरह से भरा हुआ है तो उसे साफ करने के लिए इस कमांड को execute किया जाता है। 

Syntax - Location > Cls

E) DIR - इस कमांड का प्रयोग सभी files और Directories की सूची को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। जिस तरह टेलीफ़ोन डाइरैक्टरी मे लोगो के नाम के साथ उनका नंबर लिखा रहता है। उसी प्रकार कम्प्युटर मे भी फ़ाइल को उसके directory मे रखे जाते है जिसे Root Directory कहते है। इसे Slash (/) से दर्शाया जाता है।

Syntax - Location > DIR

F) CD or CHDIR - इस कमांड से वर्तमान directory को बदलकर दूसरे directory मे जा सकते है।

Syntax - Location > CD [Directory Name]

G) MD or MKDIR - इस कमांड से नयी directory को बनाया जाता है।

Syntax - Location > MD [Directory Name]

H) RD or RMDIR - इस कमांड से किसी भी directory (जो की खाली हो) को मिटाया जा सकता है ।

Syntax - Location > RD [Directory Name]

I) DEL - इस कमांड का प्रयोग करके हम किसी भी फ़ाइल को कम्प्युटर से डिलीट कर सकते है।

Syntax - Location > DEL [File name with extension]

J) REN - इस कमांड के प्रयोग से किसी भी फ़ाइल या फोंल्डर के नाम को बदला जा सकता है।

Syntax - Location > REN [Current file/Folder Name] [New File/Folder Name] 

K) Type - इस कमांड के प्रयोग से किसी फ़ाइल के भीतर के लिखित विषय को कमांड प्रॉम्प्ट मे देख सकते है।

Syntax - Location > Type [Text file name]

L) Copy - इस कमांड का प्रयोग सिर्फ files की प्रतिलिपियाँ तैयार करने के लिए किया जाता है। इस कमांड द्वारा किसी डाइरैक्टरी के किसी फ़ाइल को प्रतिलिपि दूसरे डाइरैक्टरी मे तैयार कर सकते है।

Syntax - Location > Copy [File name] [Directory name]

M) Copy con - इस कमांड द्वारा नया फ़ाइल बनाया जाता है। 

Syntax - Location > Copy con [file name]

इस कमांड को execute करने से किसी भी नाम का एक text file बना सकते है । इस कमांड को execute करने के बाद फ़ाइल मे कुछ लिखना जरूरी रहता है इसके लिए cursor नीचे इंतजार करता है। फ़ाइल मे कुछ लिखने के बाद F6 दबाकर Enter करने से फ़ाइल सेव हो जाता है। 

Wildcard - DOS मे दो तरह के विशेष चिन्हों (Symbols) का इस्तेमाल किया जाता है। ये चिन्ह उपयोगी होते है। इन्हे वाइल्डकार्ड कहा जाता है। ये दो चिन्ह "*" और "?" है। 

"?" Wildcard - यह एक छोटा वाइल्डकार्ड कैरेक्टर है जो किसी एक स्थान पर अँग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों को स्थापित करता है। जैसे - यदि आपको 6 अक्षर वाले files की सूची देखनी है जिनके नाम मे तीसरे स्थान पर "S" आता हैऔर उनका extension ".docx" हो तो वाइल्डकार्ड का प्रयोग इस प्रकार करेंगे।

Syntax - Location > Dir ??S???.docx

"*" Wildcard - इस चिन्ह का प्रयोग सिर्फ एक स्थान ही नहीं बल्कि सभी स्थानों के अक्षरों के लिए किया जाता है। जैसे तीन अक्षर के नाम वाले फ़ाइल के लिए तीन question mark वाइल्ड कार्ड का प्रयोग करते है, अब सिर्फ एक "*" वाइल्ड कार्ड से हम तीनों स्थानों को दर्शा सकते है। इस प्रकार किसी भी फ़ाइल के नाम को सिर्फ एक "*" वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर से दर्शा सकते है। जैसे- अगर आप उन सभी files को सूची देखने चाहते है जिनका Extension ".docx" है तो वाइल्डकार्ड कैरेक्टर "*" का प्रयोग इस प्रकार करेंगे- 

Syntax - Location > Dir *.Docx

2. External Commands - इन्हे Disk resident कमांड कहा जाता है। External command अलग files मे रहते रहते है। जो Floppy disk, Pendrive या harddisk मे रहते है। जब इनको इस्तेमाल किया जाता है तब इनके फ़ाइल मेमोरी मे आ जाते है इस तरह प्राथमिक मेमोरी की क्षमता को बनाए रखने मे सहायक होते है। external commands के लिए उनका फ़ाइल एक्स्टेंसन ".com" या ".exe" होना आवश्यक है। किसी भी कमांड को अँग्रेजी के बड़े और छोटे दोनों अक्षरों मे लिखा जा सकता है। Internal command के क्रियान्वयन जल्दी सम्पन्न हो जाते है तथा External command के क्रियान्वयन मे कुछ समय लगता है जो की फ़ाइल के आकार पर निर्भर करता है। कुछ external commands इस प्रकार है - Mode, Attrib, Move, Tree, Xcopy, Robocopy, Diskcopy, Diskcomp, Chkdsk, Label.

A) Mode - Mode कमांड के द्वारा हम स्क्रीन पर जिस प्रकार चाहे उस प्रकार शब्द को दिखा सकते है। अर्थात इस कमांड के द्वारा हम स्क्रीन के pixels पर नियंत्रण रख सकते है। इस कमांड मे विभिन्न विकल्प विद्यमान रहते है। परंतु सभी विकल्प डिस्प्ले कार्ड की विशेषता पर निर्भर करता है। 

Syntax - Location > Mode [120]

इस कमांड को execute करने पर स्क्रीन पर 120 अक्षर प्रति लाइन दिखाई देता है। साधारणतया स्क्रीन पर 80 अक्षर प्रदर्शित होते है।

B) Attrib - इस कमांड को execute करने से पहले location पर उपस्थित files की सूची दिखाई जाती है। प्रत्येक फ़ाइल के साथ उसकी विशेषता भी दिखाई जाती है, फ़ाइल की विशेषता से यह पता चलता है की वह फ़ाइल किस प्रकार का है। जैसे- 

(i) Read only (r)

(ii) Archive files (a)

(iii) Hidden files (f)

(iv) System files (s)

Syntax - Location > Attrib [File name]

अतः Attrib कमांड से किसी भी फ़ाइल का गुण क्या है यह पता लगा सकते है एवं किसी फ़ाइल को कोई विशेष गुण प्रदान कर सकते है और हटा भी सकते है। 

(i) +r / -r - "+r" से हम किसी भी फ़ाइल को read only बना सकते है जबकि "-r" से हम यह गुण हटा सकते है।

(ii) +a / -a - "+a" से हम किसी भी फ़ाइल को Archive गुण प्रदान कर सकते है तथा "-a" से यह गुण हट असकते है।

(iii) +s / -s - "+s" यह एक विशेष तरह का गुण है जिसका प्रयोग सिर्फ DOS करता है जबकि "-s" से यह विशेष गुण हटा सकते है।

(iv) +h / -h - "+h" से हम किसी भी फ़ाइल को गुप्त बना सकते है, जिससे वह फ़ाइल स्क्रीन पर दिखाई नहीं देता है। फ़ाइल से यह गुण हटाने के लिए कमांड के साथ "-h" का प्रयोग किया जाता है।

C) Move - इस कमांड के प्रयोग से Location पर उपस्थित files एवं directories के नाम बदल सकते है एवं उन्हे एक directory से दूसरे directory मे move कर सकते है।

Syntax - Location > Move [File name] [Destination Folder]

D) Tree - इस कमांड से सभी Directory  तथा sub directory की एक वृक्ष के रूप मे सूची तैयार हो जाती है। 

Syntax - Location > Tree [Drive name]

कमांड के साथ "/f" का प्रयोग करने से वृक्ष के रूप बनी हुई संरचना मे सभी files को सम्मिलित कर लेता है।

E) Xcopy - यह कमांड copy कमांड से तीव्र गति से कार्य करता है इसकी मदद से हम सारी directory और subdirectory तथ उनके files को कॉपी कर सकते है।

Syntax - Location [Source directory] [Destination]

Attributes जिन्हे कमांड के साथ इस्तेमाल कर सकते है - 

1. /-y - पुरानी files को copy करने से पहले आज्ञा मानेगा।

2. /y - बिना पूछे पुरानी files को copy कर देगा। 

3. /p - प्रत्येक फ़ाइल को कॉपी करने से पहले पूछेगा। 

4. /e - खाली पड़े directory को भी कॉपी करेगा।

5. /v - जांच करेगा की प्रत्येक फ़ाइल कॉपी हुई या नहीं।

6. /w - copy करने का कार्य शुरू करने से पहले इंतज़ार करेगा जब तक कोई की नहीं दबाया जाता ।

F) Robocopy - इस कमांड का प्रयोग भी files को कॉपी करने के लिए किया जाता है। इसमे operation की starting और ending time, source destination और साथ ही साथ status को भी show किया जाता है। इस कमांड मे भी बहुत से subcommand होते है। जिन्हे "Robocopy /?" कमांड execute करके देख सकते है।

Syntax - Location > Location [Source directory] [Destination] 

G) Diskcomp - इस कमांड का प्रयोग दो floppy disks की आपस मे तुलना करने के लिए किया जाता है। जब हम floppy disk को duplicate floppy बनाते है, तो हम उसे जाँचते है की क्या दोनों floppy disk एक समान है या नहीं। इस कमांड को disk compare के नाम से भी जाना जाता है। इस कमांड द्वारा दोनों floppy को प्रत्येक track के स्तर पर तुलना किया जाता है और अगर दो floppy disk मे समान फ़ाइल है परंतु अलग- अलग क्रम मे है, तो "Diskcomp" कमांड यह रिपोर्ट देगा की दोनों डिस्क एक समान नहीं है।

Syntax - Location >Diskcomp [Disk 1] [Disk 2] 

H) Disk copy - इस कमांड का प्रयोग करके एक floppy की दूसरी copy तैयार की जाती है, अर्थात एक floppy मे जो भी डाटा होता है उसे दूसरे floppy मे copy कर लिया जाता है। इस प्रकार एक floppy की जितनी चाहे उतनी प्रतिलिपियाँ तैयार कर सकते है।

Syntax - Location > Diskcopy [Disk 1] [Disk 2]

I) CHKDSK - इस कमांड का प्रयोग डिस्क (Floppy or Hard disk) की संपूर्णता से जांच करने के लिए किया जाता है। अगर डिस्क मे कुछ errors होती है तो वह एक संदेश के रूप मे मिलता है और उन गलतियों को सुधारा भी जा सकता है।

Syntax - Location > chkdsk [drive name]

J) Label - इस कमांड का प्रयोग Floppy या हार्डडिस्क ड्राइव का Volume label बदलने के लिए किया जाता है।

Syntax - Location > Label [Current name] [New name]