नेटवर्क उपकरण 

  1. NIC - Network interface card एक विस्तारक बोर्ड की तरह होता है, जिसे एक नेटवर्क से जोड़ने के लिए कम्प्युटर मे लगा दिया जाता है। अधिकांशतः NIC इस तरह से डिजाइन किए गए होते है की वे एक विशेष नेटवर्क, प्रोटोकॉल और माध्यम के साथ काम कर सके, हालाँकि कुछ NICs का निर्माण इस तरह से भी किया जाता है की उनका प्रयोग भिन्न-भिन्न नेटवर्कों के साथ किया जा सके।
  2. Bridge - Bridge का प्रयोग दो LANs को ऐसी स्थिति मे एक साथ जोड़ने के लिए किया जाता है, जब उनके सॉफ्टवेयर तो एक ही है किन्तु कम्प्युटर अलग-अलग प्रकार के हो। यदि एक बार LAN को bridge के द्वारा पोर्ट की सहायता से जोड़ दिया जाए तो कई अन्य उपकरण आसानी से जुड़ जाते है। Bridge खास तौर पर datalink स्तर पर कार्य करता है। Nodes की संख्या जितनी ही अधिक होगी, डाटा ट्रान्सफर की गति उतनी ही कम होगी और डाटा हस्तांतरण के दर को उच्च रखने का एक ही उपाय है, bridge को install करना।
  3. Hub - Hub का प्रयोग एक ही point वाले अलग-अलग कम्प्युटरों को केबल से जोड़ने के लिए किया जाता है। यह स्टार नेटवर्क पर केन्द्रीय नियंत्रक उपकरण के रूप मे कार्य करता है। यह एक आयताकार बक्सा होता है जिसमें plugin करने के लिए छिद्र बने होते है, जिन्हें पोर्ट कहते है। इन Ports मे कम्प्युटरों के सारे केबल को plugin किया जाता है। यह तीन प्रकार का होता है- Dumb, Intelligent और Smart.
  4. Router - इसका प्रयोग तब होता है, जब बहुत जटिलतापूर्ण नेटवर्कों को जोड़ना जोता है। उदा०- Internet protocol, इस माध्यम के प्रयोग के दौरान डाटा संचरण तभी संभव होता है, जब प्रोटोकॉल एक समान हो। कम्प्युटर और सॉफ्टवेयर के भिन्न-भिन्न प्रकार के होने पर भी router अपना कार्य कर सकते है। यह ब्रिज के मुक़ाबले अधिक श्रेष्ठता से कार्य करता है। यह डाटा हस्तांतरण का छोटा रास्ता अपनाता है ताकि कार्य को न्यूनतम समय मे पूरा किया जा सके।
  5. Repeater - जब सूचना संकेत एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन करते है, तो वे क्षीण पड़ जाते है। Repeater का उपयोग उन्हें त्वरित करने के लिए किया जाता है। एक नेटवर्क से प्राप्त संकेतों को दूसरे नेटवर्क तक भेजा जाता है, ये संकेत text भी हो सकते है या आवाज भी। Repeater मुख्य रूप से bit level पर कार्य करता है। Repeater दो नेटवर्क के बीच तभी कार्य करता है जब दोनों नेटवर्कों की क्रियाविधि एक ही हो इसका अर्थ यह है की कम्प्युटर और उसमे install किए गये सॉफ्टवेयर दोनों एक समान हो।
  6. Gateway - Gateway की क्रियाविधि Router के मुक़ाबले अधिक उच्च गुणवत्ता का होता है। यह आमतौर पर दो भिन्न नेटवर्कों को जोड़ सकता है। मान लीजिये आपके पर विविध नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम, जैसे- Unix और DOS है इस स्थिति मे आपको इन दोनों नेटवर्कों को जोड़ने के लिए gateway की आवश्यकता होगी। Gateway system मे विशेष प्रकार के Hardware और Software प्रयोग किए जाते है।