चौथी पीढ़ी के कम्प्युटर
Forth Generation of Computer (1976-1989)

Micro Processor

  • चौथी पीढ़ी के कम्प्युटरों मे माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया। LSI (Large Scale Integration) और VLSI (Very Large Scale Integration) से माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता मे वृद्धि हुई। 
  • कम्प्युटर का गणना समय पिको सेकंड (Pico Second - ps) मे मापा जाने लगा। (1 Pico second = 1/1 trillionth second )
  • माइक्रोप्रोसेसर के इस्तेमाल से अत्यंत छोटा और हाथ मे लेकर चलने योग्य कम्प्युटरों का विकास संभव हुआ। 
  • multitasking के कारण कम्प्युटर का प्रयोग एक साथ कई कार्यों मे किया जाने लगा। 
  • माइक्रोप्रोसेसर का विकास एम ई हौफ ने 1971 मे किया। इससे व्यक्तिगत कम्प्युटर (Personal Computer) का विकास हुआ । 
  • चुम्बकीय डिस्क और टेप का स्थान अर्धचालक (Semi Conductor) मेमोरी ने ले लिया।  RAM की क्षमता मे वृद्धि से कार्य अत्यंत तीव्र हो गया। 
  • उच्च गति वाले कम्प्युटर नेटवर्क (Network) जैसे LAN व WAN का विकास हुआ। 
  • समान्तर कम्प्यूटिंग (Parallel computing) तथा multimedia का प्रचलन प्रारम्भ हुआ। 
  • 1981 मे आईबीएम (IBM)  ने माइक्रो कम्प्युटर का विकास किया। जिसे IBM-PC (IBM-Personal Computer) कहा गया। 
  • सॉफ्टवेयर मे ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (Graphical User Interface) के विकास ने कम्प्युटर के उपयोग को सरल बना दिया। 
  • ऑपरेटिंग सिस्टम मे एमएस डॉस (MS-DOS), माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज (MS Windows), तथा एप्पल ऑपरेटिंग सिस्टम (Apple OS) का विकास हुआ। 
  • उच्च स्तरीय भाषा का मानकीकरण किया गया ताकि किसी प्रोग्राम को सभी कम्प्युटर मे चलाया जा सके। 
  • उच्च स्तरीय भाषा मे "C Language" का विकास हुआ। जिसमे प्रोग्रामिंग सरल था।